Poems

सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं

सुना है कि आप लड़ते बहुत हैं शायद बातचीत से डरते बहुत हैं मन्दिर-मस्जिद की आड़ लेकर मासूमों पर जुल्म करते बहुत हैं देशभक्त आ…

मुझे मेरी मौत का फरिश्ता चाहिए

हर रोज़ ही कोई नई खता चाहिए इस दिल  को दर्द का पता चाहिए कब तक होगा झूठा खैर मकदम मुझे अब बेरुख़ी का अता* चाहिए अच्छे लगते ही …

अफवाह

जीना मुश्किल,मरना आसान हो गया हर दूसरा घर कोई श्मशान हो गया माँ कहीं,बाप कहीं,बेटा कहीं,बेटी कहीं एक ही घर में सब अन्जान हो …

इस दिल में आते जाते रहिए

इश्क़ का भ्रम यूँ बनाते रहिए इस दिल में आते जाते रहिए आप ही मेरी नज़्मों की जाँ थी ये चर्चा भी सरे आम सुनते रहिए सिलिए ज़ुबान त…

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That is All